(बहरे रमल मुसम्मन महज़ूफ़)
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122 2122 2122 212
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122 2122 2122 212
आग उल्फ़त की लगी होने लगा मुझपर असर
चल गया मुझको पता के दर्द का है ये सफ़र
चल गया मुझको पता के दर्द का है ये सफ़र
दिल के कोने में अभी भी है बची उनकी जगह
फिर भी क्यों हैं फ़ासले यह सोचता हूँ हर पहर
फिर भी क्यों हैं फ़ासले यह सोचता हूँ हर पहर
पास थे जब वो मेरे कीमत कभी समझी नहीं
ढूंढता अब फिर रहा हूँ आज उनको हर डगर
ढूंढता अब फिर रहा हूँ आज उनको हर डगर
बंद कर अब गीत गाना बेसुरी आवाज़ में
वक़्त ने करवट बदल ली क्यों सहे कोई कहर
वक़्त ने करवट बदल ली क्यों सहे कोई कहर
अब किसे अपना कहूँ सब दूर मुझसे हो रहे
दिल मेरा बस है खिलौना मैंने ये जाना 'अमर'
दिल मेरा बस है खिलौना मैंने ये जाना 'अमर'
अमर पंकज
(डाॅ अमर नाथ झा)
दिल्ली विश्वविद्यालय
मोबाइल-9871603621
(डाॅ अमर नाथ झा)
दिल्ली विश्वविद्यालय
मोबाइल-9871603621
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