बताऊँ किसे मैं हुआ क्या मुझे है
पता कुछ तो हो फ़िक्र किसकी किसे है
निकलती नहीं जाँ न ज़िंदा हूँ मैं अब
ख़बर ये दबी है ख़बर क्या तुझे है
धुआँ ही धुआँ है नज़र है जहाँ तक
मुझे देखना फिर धुआँ कब बुझे है
मेरी बेबसी हँस रही है मुझी पर
ख़ता किसने की है सजा दी किसे है
छिपाता तुम्हीं से जताता तुम्हीं को
दिवाना 'अमर' आज खुद पे हँसे है
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