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ख्वाब में ही झलक दिखाते हैं
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अमर पंकज
(डॉ अमर नाथ झा)
दिल्ली विश्वविद्यालय
मोबाइल-9871603621
ख्वाब में ही झलक दिखाते हैं
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अमर पंकज
(डॉ अमर नाथ झा)
दिल्ली विश्वविद्यालय
मोबाइल-9871603621
ख्वाब में ही झलक दिखाते हैं
पर वही रोज याद आते हैं।
पर वही रोज याद आते हैं।
छोड़ दी जिनकी सोहबत मैंने
रात भर वो मुझे जगाते हैं
रात भर वो मुझे जगाते हैं
खासियत का पता चला उनका
खास को ही मगर रुलाते हैं।
खास को ही मगर रुलाते हैं।
प्यार या जंग में करो कुछ भी
मानकर प्यार से सताते हैं।
मानकर प्यार से सताते हैं।
पागलों की तरह हैं दीवाने
आप क्यों इस तरह लुभाते हैं।
आप क्यों इस तरह लुभाते हैं।
खेल क्या खेलते 'अमर' तुम हो
सबको आईना हम दिखाते हैं।
सबको आईना हम दिखाते हैं।