अभी-अभी बी बी सी से समाचार सुना कि झारखण्ड में जे एम एम के साथ कांग्रेस का गठजोड़ अभी पूरा नहीं हुआ है। मैंने भी अपनी राय दी है कि यदि जे एम एम को झारखण्ड कि सबसे बड़ी ताकत बनानी है तो जे एम एम को सबसे बड़ी पार्टी का आत्मविश्वास हासिल करना होगा। इसलिये अपने पास ८ सीटें रखकर बाकी दलों के लिए ४ सीटें छोड़नी चाहिए। अगर बात नहीं बनती है तो अकेले दम पर १४ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, तभी जे एम एम अपने पांव पर खड़ा होकर अपनी पूरी भूमिका निभा पाएगा. परन्तु गुरूजी के बीमार पड़ जाने से सारी चीजें रूक गयी हैं .
रविवार, 22 मार्च 2009
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