शनिवार, 4 अप्रैल 2009

कविता कोष सचमुच औरों से हटकर है.

कविता-कोष को कल जो पत्र भेजा था उसका त्वरित उत्तर प्राप्त हुआ.संपादक अनिल जनविजय जी ने मेरा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया,अतः मैं उनका कृतज्ञ हूँ.कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए मेरे द्वारा भेजे गए दूसरे पत्र का भी उन्होंने तुरत उत्तर दिया तथा पंकज जी से सम्बंधित सारी सामग्री मांगी.पद्य,गद्य,संस्मरण,समीक्षा,तथा पंकज जी पर लिखे गए लेखों को भी उन्होंने माँगा है.अब मैं जल्दी से जल्दी अनिल जन विजय जी को सम्बंधित सारी सामग्री यूनिकोड पर भेज दूंगा.आप सब से भी अपील करता हूँ की अगर किसी पाठक के पास पंकज जी की कोई रचना उपलब्ध हो या पंकज जी के ऊपर किसी अन्य लेखक के द्वारा लिखित कोई सामग्री उपलब्ध हो तो मुझे या कविता कोष को प्रेषित कर दें.मेरे इस ब्लॉग में कमेन्ट करते हुए भी इस तथ्य का जिक्र सुधि पाठक या लेखक गण कर सकते हैं.आइए,हम सब मिलकर पंकज जी के ऋण से उ ऋण होने हेतु इस महायज्ञ में अपना-अपना योगदान दें.संताल परगना के इस mahan vibhooti के प्रति हमारी यही sachhi shraddhanjali होगी.

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