शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009
http://www.kavitakosh.org
कविताकोश में आचार्य "पंकज"और उनकी रचनाओं को सम्मिलित कराने हेतु हमने आज ही कविताकोश के नाम एक इमेल भेजा है.देखना है कि इस मूर्धन्य विद्वान् और महान कवि ही नही, प्रखर स्वाधीनता सेनानी और हजारों लोगों के श्रद्धेय शिक्षक स्वर्गीय प्रोफ़ेसर ज्योतिन्द्र प्रसाद झा "पंकज"के साथ आज का इ-हिन्दी जगत न्याय करता है या नहीं.आप कि क्या राय है?कृपया प्रतिक्रिया में लिखें.
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panakj-goshthi will serve the world of hindi literature with a new vision we hope.our best wishes are with the entire world of literature.
जवाब देंहटाएंhello frenz !plz.visit thi blog and kindly comment.
जवाब देंहटाएंhello
जवाब देंहटाएंbahut slow hai aapka blo.
जवाब देंहटाएंdhul poem sarwaswal dyal sexsana
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